गुरुग्राम विश्व पटल पर साइबर सिटी और हरियाणा का सबसे ज्यादा रेवेन्यू वाला जिला के रूप में जाना जाता है.
परन्तु जनाब हालत कुछ और ही बयां करते हैं.
चुनावी समर में अनेकों अनेक जनप्रतिनिधि गुरुग्राम के स्वछता की दुहाई देते हैं.
जबकि ऐसा है नहीं कूड़े के ढेर शहर में जहाँ तहां सफाई एजेंसीयों के लाखों के टेंडर के बाद भी देखे ज़ा सकते हैँ. जी हाँ इसके लिए किसी पारखी की नज़र की जरूरत नहीं है जरूरत है तो बस इसे अमली जामा पहनाने की.
हम बात कर रहें हैँ दौलताबाद फ्लाई ओवर ब्रिज के ठीक नीचे की. जो अब कूड़े दान की शक्ल इख़्तियार करती जा रही है. जहां शायद किसी की भी नज़र नहीं गई या फिर इसे देखना ही नहीं चाहते. बाक़ी रही सही कसर को वहां कूड़ा डालने वाले महानुभाव नहीं छोड़ते नज़र आ रहें हैँ. हालांकि अन्नू साड़ी के प्रचार करने वाले पेंटर वहां पर अपना विज्ञापन चस्पा करने पहुँचने सफल हो गए परन्तु सफाई के योद्धा जनप्रतिनिधि दल और प्रशासन विफल होता प्रतीत होता है.
हम बात कर रहें हैँ गुरुग्राम रेलवे स्टेशन के अति निकट के दौलताबाद फ्लाई ओवर के नीचे रेलवे लाइन मेँ जमा गंदगी के ढेर की जोकि साफ साफ सफाई की पोल खोलता जान पड़ता है. क्या ये कूड़े के ढ़ेर किसी जनप्रतिनिधि, प्रसाशन या तथाकथित सफाई एजेंसीयों को बिलकुल दिखाई नहीं देते या ये हमारे जगह गुरुग्राम का हिस्सा नहीं है.
ये शायद इसलिए भी है कि वहां नेताओं को वोटर दिखाई नहीं पड़ते या प्रशासन किंचित उस घड़ी की बाट जोह रहा है कि कूड़े के इस ढ़ेर का विस्तारिकारण हो और ये गुरुग्राम रेलवे स्टेशन को अपने आगोश में ले तभी शायद कुछ हो. गुरुग्राम रेलवे स्टेशन के निकट कुछ क़दमों की दूरी पर स्थित रेलवे लाइन बड़े स्तर पर कूड़े के डपिंग यार्ड बनती जा रहैँ. दावा है इस कूड़े के ढ़ेर से आती दुर्गन्ध आपको सांस रोकने को विवश कर देगी.
या शायद कूड़े का ये ढ़ेर अपनी दुर्गन्ध भरी मुस्कुराहट मानो सभी चुनौती दे रहा हो कि है किसी में दम जो कोई मुझे हटा कर तो दिखाए. अंतराष्ट्रीय स्तर के रेलवे स्टेशन की कल्पना को ये कूड़े का ढ़ेर मानो दरकिनार कर रहा हो.
राजेंद्र रावत

Author: राष्ट्रीय आवाज़
